Principal’s Desk
राजकीय महाविद्यालय चन्द्रबदनी (नैखरी) उत्तराखंड के जिला टिहरी गढ़वाल में भी चन्द्रबदनी मंदिर से पाँच किलोमीटर पहले स्थित है। इस महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 2001 में हुई थी। प्रारंभ में इस महाविद्यालय में कला संकाय के कुल 7 विषय थे जो कि 2018-19 में विज्ञान संकाय प्रारम्भ होने से बढ़कर 12 विषय हो गए हैं। यह महाविद्यालय आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित है, इसमें कुछ सरकारी आवास भी है जिसमें कॉलेज के प्राध्यापक निवास करते हैं। वर्तमान में इस महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं हिन्दी, अंग्रेजी, इतिहास, राजनीति विज्ञान, भूगोल, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, भौतिक विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित एवं जन्तु विज्ञान विषयों में स्नातक तथा हिन्दी, भूगोल एवं राजनीति विज्ञान विषयों में स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। छात्र गतिविधियों के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं हेतु छात्र संघ, राष्ट्रीय सेवा योजना, कीडा परिषद, विभागीय परिषदों का गठन किया गया है।
यह महाविद्यालय प्रति वर्ष वार्षिक दिवस का आयोजन करता है। इस महाविद्यालय के प्रारंभ होने से क्षेत्र के आस पास के गाँवो के छात्र-छात्राओं को उच्च स्तरीय शिक्षा ग्रहण करने में बहुत सुविधा प्राप्त हो गई है। इस सुविधा के कारण ही महाविद्यालय में नए-नए विषयों के लिए मांग हो रही है तथा परिसर के विस्तार एवं संकाय वृद्धि हेतु स्थानीय महानुभाव तथा अभिभावकगण भी महाविद्यालय प्रबन्धन के साथ सकिय रूप से प्रयासरत हैं।
महाविद्यालय द्वारा शिक्षक अभिभावक संघ व पूर्व छात्र परिषद का गठन कर महाविद्यालय के विकास व उन्नति में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की गयी है। समय-समय पर इनसे महाविद्यालय के सुधार के लिये आवश्यक सुझाव लिये जाते हैं।
महाविद्यालय योग्य अनुभवी और उर्जावान शिक्षकों से सम्पन्न है जिसका लाभ छात्र-छात्राओं को मिल रहा है। छात्र-छात्राओं के सतत विकास के लिये महाविद्यालय स्तर पर, एंटी रैगिंग, नशा मुक्ति, पर्यावरण सुरक्षा आत्मरक्षा जल संचय, स्वास्थ्य सुरक्षा आदि कार्यक्रम चलाये जाते है।
मुझे पूरी आशा है कि हम अपने अभिभावकों की इच्छाओं व आकांक्षाओं के अनुरूप अपने समस्त सहयोगियों संकाय सदस्यों, प्रशासन तथा शासन के सहयोग से अपने छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन की वह सभी सुख सुविधाएं उपलब्ध करा सकेंगे। जिससे वे अपना उज्जवल भविष्य बनाने के साथ-साथ अपने समाज और राष्ट्र के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।
मैं एक बार पुनः उत्तराखण्ड शासन विश्वविद्यालय तथा स्थानीय अभिभावकों अध्यापक वर्ग प्रशासनिक कर्मियों तथा समस्त पूर्व व वर्तमान छात्र-छात्राओं को उनके सतत सहयोग हेतु धन्यवाद देता हूँ तथा विश्वास प्रकट करता हूँ कि एक दिन यह महाविद्यालय अपने उत्कृष्ट स्वरूप में स्थापित होगा।
Dr. Mahanth Maurya, PRINCIPAL