राजकीय महाविद्यालय चंद्रबदनी में “भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन: वर्तमान संदर्भ” विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का आयोजन “आज़ादी के अमृत महोत्सव” समारोह के अंतर्गत किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य द्वारा दीप प्रज्वलित के पश्चात मां सरस्वती एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के साथ की गई। इसके उपरांत छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई।
संगोष्ठी की शुरुआत करते हुए महाविद्यालय में रसायन विज्ञान के प्राध्यापक डॉ० देवेन्द्र सिंह रावत द्वारा अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसमे उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की गौरवशाली परंपरा को सबके समक्ष प्रस्तुत किया। साथ ही हिंदी के प्राध्यापक अरविंद सिंह राणा ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत करते हुए राष्ट्रीय आंदोलन में क्षेत्रीय साहित्य: बंगाली, उर्दू, तमिल एवं हिंदी साहित्य के अहम योगदान पर प्रकाश डाला और महान साहित्यकार जैसे भारतेंदु हरिश्चंद्र, मुंशी प्रेमचंद, सुभद्रा कुमारी चौहान, माखन लाल चतुर्वेदी के भारतीय स्वतन्त्रता आंदोलन में अमूल्य योगदान को नमन किया, जिनकी कलम ने ब्रिटिश राज का विरोध करते हुए “पैन इज माइटियर देन स्वॉर्ड” वाक्य को जीवंत किया।
वनस्पति विज्ञान की प्राध्यापक अनुपा फोनिया ने गांधी जी के जीवन दर्शन पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया। आगे भौतिक विज्ञान की प्राध्यापक डॉ० ऋचा गहलोत द्वारा नैनो टेक्नोलॉजी पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। जिसमें उन्होंने मेडिकल साइंस में नैनो टेक्नोलॉजी की अहम भूमिका को रेखांकित करते हुए कीमोथेरेपी, नैनो ट्यूब्स एवं हिग्स बोसोन के बारे में भी जानकारी दी।महाविद्यालय में जंतु विज्ञान के प्राध्यापक डॉ० विनोद कुमार रावत ने व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों की सराहना की और सम्पूर्ण मानव जाति के लिए प्रेरणा श्रोत बताया। भूगोल की प्राध्यापक सौम्या कबटियाल द्वारा अपना शोध पत्र पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। साथ ही उन्होंने गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर जी के राष्ट्रवाद, जिसमें “वसुधैव कुटुंबकम्” का मूल समाहित है; को जीवंत करने की प्रेरणा दी।भूगोल के प्राध्यापक डॉ० आशुतोष जंगवाण ने शोध पत्र प्रस्तुत किया, जिसमे उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप की भौगोलिक विषमताओं का राष्ट्रीय आंदोलन में प्रभाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी। अर्थशास्त्र के प्राध्यापक डॉ० आशुतोष कुमार ने शोध पत्र प्रस्तुत कर “ब्रिटिश राज की आर्थिक नीति जो ‘इकोनॉमिक ड्रेन ऑफ़ वेल्थ’ विषय का वर्णन किया। राजनीति विज्ञान की प्राध्यापक वंदना सिंह व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए संविधान द्वारा प्रदत्त मूल अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई।कार्यक्रम की सचिव डॉ० सुषमा चमोली ने आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत छात्रों के उत्साहवर्धन के लिए एक देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया। सह सचिव डॉ० पी एस बिष्ट जी ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में सामाजिक विचारकों की भूमिका पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया, जिसमे उन्होंने वोल्टेयर, इमैनुएल कांट, टैगोर जैसे विचारकों के योगदान को याद किया।कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ० आशुतोष कुमार द्वारा कार्यक्रम आख्या प्रस्तुत की गई जिसमे आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के दौरान संपन्न विभिन्न कार्यक्रमों का विवरण शामिल था। कार्यक्रम में छात्रा करिश्मा द्वारा एक देश भक्ति गीत भी प्रस्तुत किया और छात्रों ने भारत के विभिन्न राज्यों के लोक नृत्य प्रस्तुत कर विविधता में एकता का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया। बी एस सी प्रथम वर्ष की छात्रा गीतांजलि द्वारा हरयाणवी लोकनृत्य प्रस्तुत किया गया। बी ए प्रथम वर्ष के छात्र योगेश द्वारा गढ़वाली लोक गीत, आरती एवं प्रियंका द्वारा मनमोहक नृत्य, हिमांशु एवं आरती असवाल द्वारा गढ़वाली लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया।अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षा; महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमती पुष्पा उनियाल द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित समस्त प्राध्यापकों कर्मचारी गणों तथा छात्र-छात्राओं का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए;महाविद्यालय परिवार को कार्यक्रम के सफल आयोजन की बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई। साथ ही महोदया द्वारा गांधीजी के सपनों के ऐसे भारत जहां सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक स्वतंत्रता और समानता हो; के निर्माण में योगदान करने हेतु सभी को प्रेरित किया गया।अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित किए गए विभिन्न कार्यक्रमों के विजेताओं को प्राचार्य द्वारा ट्रॉफी और प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त समापन समारोह में आयोजित सांस्कृतिक प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले समस्त प्रतिभागियों को प्राचार्य महोदया द्वारा पारितोषिक स्वरूप धनराशि प्रदान की गई।इस अवसर पर महाविद्यालय में नरेश लाल, केदारनाथ भट्ट, अजय लिंगवाल, पूर्ण सिंह रावत, उत्तम सिंह, पवन सिंह, दिनेश पुंडीर, अकलेश, चैन सिंह बिष्ट, भुवनेश बिष्ट आदि लोग उपस्थित थे।