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एंटी रैगिंग सेल

महाविद्यालय में रैगिंग की प्रभावी रोकथाम के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशों 2009 मार्च तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशानुसार एंटी रैगिंग सेल का गठन किया गया है। जिसका कार्य महावद्यिालय में किसी भी प्रकार की रैगिंग की गतिविधि को रोकना है। यदि इसमें कोई भी छात्र/छात्रा लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी।   

रैगिंग से सम्बन्धित अभिप्राय है:

Any disorderly conduct whether by words spoken or written or by an act which has the effect of teasing, treating or handling with rudeness any other student, indulging in rowdy or undisciplined activities which causes of is likely to cause embarrassment, annoyance, hardship or psychological harm or to raise fear or apprehension thereof in a fresher or a junior student or asking the students to do any act or perform something which such students will not in the ordinary course do or perform and which has the effect of causing or generating a sense of shame or so as to adversely affect the physique or psyche of a fresher or a junior student. Any of the above acts committed by any student of the same or junior or senior class shall be deemed to be ragging.

  1. रैगिंग के लिये उकसाना
  2. रैगिंग के लिये अपराध षडयंत्र
  3. रैंगिंग हेतु गैर कानूनी सभा एवं दंगा करना।
  4. रैंगिंग के दौरान सार्वजनिक उपद्रव करना।
  5. रैगिंग के माध्यम से शालीनता एवं नैतिकता का उल्लंघन।
  6. रैगिंग शारीरिक नुकसान एवं गम्भीर चोट।
  7. अनुचित रूप से प्रतिबन्धित करना।
  8. आपराधिक बल का प्रयोग करना।
  9. साथ ही आक्रमण अथवा यौन अपराध या अप्राकृतिक अपराध।
  10. जबरन वसूली।
  11. आपराधिक अतिक्रमण।
  12. सम्पत्ति के विरूद्ध अपराध।
  13. रैगिंग की परिभाषा से जनित समस्त अपराध।

दण्ड

महाविद्यालय की रैगिंग निरोधक समिति के अभिमत में अपराध की स्थापित प्रकृति एवं गम्भीरता के आधार पर संस्थागत स्तर पर रैगिंग के दोषी पाये गए व्यक्तियों को दिये दण्ड निम्न में से एक अथवा उसका समूह हो सकता है।

  1. प्रवेश निरस्त किया जाना।
  2. कक्षा से निलम्बन।
  3. छात्रवृत्ति एवं अन्य लाभ रोके रखना अथवा निरस्त करना।
  4. किसी भी परीक्षा अथवा मूल्यांकन प्रक्रिया से वंचित करना।
  5. किसी भी क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय संस्था अथवा युवा महोत्सव का प्रतिनिधित्व करने से रोकना।
  6. निरस्तीकरण।
  7. संस्थान से निष्कासन एवं तदोपरान्त अन्य किसी संस्था में प्रवेश के वंचित किया जाना।
  8. Rs.25000  का जुर्माना।
  9. जब रैगिंग का अपराध करने वाले व्यक्तियों को न पहचाना जाए तब सम्भावित रैगिंग कर्ताओं पर सामुदायिक दबाव बनाने हेतु संस्था सामूहिक दण्ड का प्रयोग करेगी।